समुंदर मेरे मन का, गहरा और अद्वितीय,
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| समुंदर मेरे मन का, गहरा और अद्वितीय, | Samundar mere manka |
लहरों की गति से बदलता हर लम्हा, हर पल,
उसका रंग बदलता है, मिलते हैं दिन और रात, मेरे मन के समुंदर में,
किनारों पर खड़ा हूँ, किंतु अनगिनत सपनों का इंतजार,
समुंदर मेरे मन का, विशाल और अनंत है, वहाँ पर छुपा है मेरा सबसे गहरा रहस्य,
समुंदर मेरे मन का, यह कविता का मुद्दा नहीं है, वह मेरे भावनाओं का एक परिचय है,



