पेठ जाहिराती

यूँ तो मैं हँस नहीं पाता,| Yu to mai Hass nahi pata

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 यूँ तो मैं हँस नहीं पाता,

यूँ तो मैं हँस नहीं पाता,| Yu to mai Hass nahi pata



 यूँ तो मैं हँस नहीं पाता,

बहुत सारी बातें दिल में छुपी होती हैं,

अजनबी दिल की गहराइयों में खोई होती हैं।

 

मेरी हँसी के पीछे छुपी होती है गमों की छाया,

कभी-कभी दर्द के बोझ में ही जीना पड़ता है,

रोते हैं अद्भुत खुशियों की तलाश में रात-रात भर।

 

आँखों के अंबाब में छुपी होती हैं अनगिनत कहानियाँ,

जिन्दगी की मिशकलों का सिलसिला छिपा होता है,

हँसी की तलाश में धूँधते-धूँधते रह जाते हैं।

 

हँसना और रोना, ये जीवन के दो पहलु हैं,

जिन्दगी का रंगीन चित्र, जिसमें है दर्द और हंसी,

ये तो मैं नहीं पाता, परंतु मैं ये जानता हूँ,

कि ये जीवन की सच्चाई है, और हर दिन एक नई कहानी है।

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